आज कि इस इस पोस्ट में हम आपके साथ हिंदी साहित्य के अंतर्गत प्रगतिवादी कवियों की प्रमुख रचनाओं को आप सभी के साथ साझा कर रहे हैं, जो इस प्रकार है। तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक...
1.सूर्यकांत त्रिपाठी निराला (1897-1962)
- कुकुरमुत्ता
- अणिमा
- नए पत्ते
- बेला
- अर्चना
2.सुमित्रानंदन पंत(1900-1970)
- युगांत
- युगवाणी
- ग्राम्या
3.नरेन्द्र शर्मा(1913-1989)
- प्रवासी के गीत
- पलाश-वन
- मिट्टी और फूल
- अग्निशस्य
4.रामेश्वर शुक्ल अंचल(1915 -1996)
- किरण-वेला
- लाल चुनर
5.रामधारी सिंह दिनकर(1908- 1974)
- कुरुक्षेत्र
- रश्मिरथी
- परशुराम की प्रतीक्षा
6.बालकृष्ण शर्मा नवीन(1897- 1960)
- कंकुम
- अपलक
- रश्मि-रेखा
- क्वासि
7.जगन्नाथ प्रसाद मिलिंद(1907-1986)
- बलिपथ के गीत
- भूमि की अनुभुति
- पंखुरियां
8.केदारनाथ अग्रवाल(1911-2000)
- युग की गंगा
- लोक तथा आलोक
- फूल नहीं रंग बोलते हैं
- नींद के बादल
9.नागार्जुन(1910-1998)
- युगधारा
- प्यासी पथराई
- आंखे
- सतरंगे पंखों वाली
- तुमने कहा था
- तालाब की मछलियां
- हजार-हजार बांहों वाली
- पुरानी जूतियों का कोरस
- भस्मासुर(खंडकाव्य)
10.रांगेय-राघव(1923-1962)
- अजेय खंडहर
- मेधावी
- पांचाली
- राह के दीपक
- पिघलते पत्थर
11.शिव-मंगल सिंह सुमन( 1915- 2002)
- हिल्लोल
- जीवन के गान
- प्रलय सृजन
12.उदयशंकर भट्ट(1898- 1964)
- अमृत और विष
13.राम विलास शर्मा(1912- 2000)
- रूप-तरंग
14.माखन लाल चतुर्वेदी(1888- 1970)
- मानव
15.त्रिलोचन(1917- 2007)
- मिट्टी की बात
- धरती
No comments:
Post a Comment