उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली बोलियां निम्न है।
(1) कौरवी ( खड़ी बोली)
(2) ब्रज भाषा
(3) कन्नौजी
(4) बुंदेली
(5) अवधी
(6) भोजपुरी
(7) बघेली
उत्तर प्रदेश की बोलियां एवं क्षेत्र
1. बुंदेली
क्षेत्र – झांसी, जालौन , ललितपुर, महोबा, हमीरपुर
‘आल्हा खंड’ बुंदेली में ही लिखा गया है।
2. ब्रजभाषा
ब्रज पश्चिमी हिंदी की सबसे प्रमुख बोली है।
क्षेत्र – मथुरा, अलीगढ़, एटा,बदायू, आगरा, मैनपुरी, बरेली
रीतिकाल में इसी भाषा की प्रधानता थी।
3. कन्नौजी बोली
क्षेत्र – कन्नौज, कानपुर, पीलीभीत, हरदोई, फर्रुखाबाद, इटावा
4. (खड़ी बोली) कौरवी
खड़ी बोली के प्रथम कवि अमीर खुसरो थे।
सर्वप्रथम खड़ी बोली शब्द का प्रयोग लल्लू लाल एवं सदल मिश्र के द्वारा किया गया।
क्षेत्र- मेरठ, मुरादाबाद, बिजनौर, शामली, गौतम बुद्ध नगर, रामपुर, हापुड़, बागपत, सहारनपुर।
‘प्रिय प्रवास’ खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है।
5. अवधी बोली
क्षेत्र – लखनऊ, फैजाबाद, प्रतापगढ़, इलाहाबाद, मिर्जापुर, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, सुल्तानपुर, कानपुर, आवसी, रायबरेली, बहराइच, बस्ती, गोंडा
‘रामचरितमानस’ अवधि में रचित महाकाव्य है।
विदेश में ‘फिजी’ मे अवधी बोली जाती है।
6. बघेली बोली
क्षेत्र – बांदा, चित्रकूट, सोनभद्र, इलाहाबाद का एमपी से लगा हुआ हिस्सा।
7. भोजपुरी
हिंदी में बोलने वालों की सर्वाधिक संख्या भोजपुरी बोली की है।
क्षेत्र – गोरखपुर, बस्ती, बलिया, देवरिया, गाजीपुर, वाराणसी, आजमगढ़, मऊ, जैनपुर, सिद्धार्थनगर, अंबेडकरनगर
भोजपुरी शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग रेंडम ने किया था।
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