• 16.10.18

    Environmental Studies (पर्यावरण अध्ययन) भाग- 8 के विषय वैकल्पित ऊर्जा के शानदार नोट्स


    हेल्लो दोस्तों आज हम आपसे Environmental Studies (पर्यावरण अध्ययन) भाग- 8 के विषय अवैकल्पित ऊर्जा के शानदार नोट्स साझा करने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज की प्रश्नोत्तरी

    ·         बायोगैस में अप्रत्‍यक्ष रूप से पाई जाती है सौर ऊर्जा
    ·         फ्यूल सेल्‍स (Fuel Cells) जिसमें हाइड्रोजन से समृद्ध ईंधन और ऑक्‍सीजन का उपयोग विद्युत पैदा करने के लिए होता है, से संबंधित सही कथन है – यदि शुद्ध हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन के रूप में होता है,तो फ्यूल सेल उप-उत्‍पाद (बाइ-प्रोडक्‍स) के रूप में ऊष्‍मा एवं जल का उत्‍सर्जन करता है
    ·         सबके लिए सतत ऊर्जा दशक’ पहल है संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ की (वर्ष 2014-2024 तक)
    ·         अंतरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन’ का प्रथम शिखर सम्‍मेलन संपन्‍न हुआ नई दिल्‍ली में
    ·         सौ फीसदी सौर ऊर्जा पर चलने वाला भारत का पहला केंद्रशासित प्रदेश है दीप
    ·         कभी-कभी समाचारों में दिखाई पड़ने वाले ‘घरेलू अंश आवश्‍यकता’ (Domestic content Requirement) पद का संबंध जिससे है, वह है सौर शक्ति उत्‍पादन के विकास से
    ·         शैवाल आधारित जैव ईंधन उत्‍पादन को स्‍थापित करने और इंजीनियरी करने हेतु निर्माण पूरा होने तक जरूरत होती है उच्‍च स्‍तरीय विशेषज्ञता/प्रौद्योगिकी की
    ·         ऊर्जा का एक नवीकरणीय स्रोत है सौर ऊर्जा
    ·         सौर, पवन, ज्‍वारीय, पनबिजली ऊर्जा आदि प्राकृतिक संसाधन उदाहरण हैं नवीकरणीय ऊर्जा के
    ·         कभी न समाप्‍त होने वाली तथा प्रदूषणरहित ऊर्जा है सौर ऊर्जा
    ·         वैकल्पिक ऊर्जा का सबसे बड़ा संग्रहागार है सौर ऊर्जा
    ·         सौर ऊर्जा प्राप्‍त होती है सूर्य से
    ·         जैविक मात्रा में सर्वाधिक उपयोग की जाती है सौर ऊर्जा
    ·         सूर्य के प्रकाश को सौर ऊर्जा में परि‍वर्तित किया जाता है फोटोवोल्‍टोइक तकनीक के द्वारा
    ·         पेट्रोलिय उत्‍पाद, वन उत्‍पाद, नाभिकीय विखंडन तथा सौर सेल में से सर्वोत्‍तम पर्यावरण अनुकूल है सौर सेल
    ·         जीवाश्‍म ईंधन नहीं है यूरेनियम
    ·         पौधे के वे उत्‍पाद जो कि हजारों वर्षों से पृथ्‍वी के नीचे दबे पड़े थे या पौधे के वे जीवाश्‍म जिनका उपयोग हम ईंधन के रूप में करते हैं, कहलाते हैं जीवश्‍म ईंधन
    ·         नाभिकीय ऊर्जा उत्‍पादन हेतु कच्‍चे माल के रूप में प्रयुक्‍त किया जाता है यूरेनियम
    ·         परमाणुओं के संयोजन अथवा विखंडन प्रक्रिया द्वारा उत्‍पन्‍न की जाती है नाभिकीय ऊर्जा
    ·         न्‍यूनतम पर्यावरणीय प्रदूषण उत्‍पन्‍न करता है हाइड्रोजन
    ·         हाइड्रोजन के महत्‍व को देखते हुए भारत में वर्ष 2003 में गठन किया गया है राष्‍ट्रीयहाइड्रोजन बोर्ड का
    ·         वैज्ञानिकों के अनुसार, भविष्‍य का ईंधन है हाइड्रोजन
    ·         ऊर्जा संकट से तात्‍पर्य है कोयला तथा पेट्रोल जैसे जीवाश्‍म ईंधन के समाप्‍त होनेका खतरा
    ·         कोयला, खनिज तेल एवं गैस, जल, विद्युत तथा परमाणु ऊर्जा में से भारत में धारणीय विकास के दृष्टिकोण से विद्युत उत्‍पाद का सबसे अच्‍छा स्रोतहै जल विद्युत
    ·         सौर शक्ति, जैव पुंज शक्ति, लघु जल विद्युतशक्ति तथा अपशिष्‍ट से अर्जित ऊर्जा में से भारत में जो नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतसर्वाधिक संभाव्‍यता वाला है सौर शक्ति
    ·         जैव-ईंधन के संबंध में निम्‍न में से कथन सत्‍य हैं जैव-ईधन पारिस्थितिकी अनुकूल होता है। जैव-ईंधन ऊर्जा संकट के समाधान में योगदान दे सकता है। जैव-ईंधन मक्‍का से भी बनता है।
    ·         बायोडीज़ल की फसल है – जैट्रोफा
    ·         एथेनॉल एक प्रसिद्ध एल्‍कोहल है। इसे ‘एथिल एल्‍कोहल’ भी कहते हैं, इसका प्रयोग होता है हरति ईंधन के रूप में
    ·         पाइन, करंज, फर्न से भी किण्‍वीकरण कर एथेनॉल प्राप्‍त किया जाता है, इसे शामिल करते हैं हरित ईंधन स्रोत में
    ·         जिसकी खेती एथेनॉल के लिए की जा सकती है, वह है मक्‍का
    ·         जोट्रोफा, पौंगामिया और सूरजमुखी की खेतीकी जा सकती है बायोडीजल के लिए
    ·         नाभिकीय शक्ति परियोजनाओं के अंतर्गत पर्यावरणीय प्रभाव, जिनका अध्‍ययन किया जाना तथा हल निकाला जाना है, वे हैं वायुमृदा एवं जल का रेडियोधर्मी प्रदूषणवन अपरोपण तथा पेड़-पौधों एवं जंतु समूह की क्षतिरेडियोधर्मी अपशिष्‍ट का निस्‍तारण
    ·         अंरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance) को प्रारंभ किया गया था – 2015 में संयुक्‍त राष्‍ट्र जलवायु परिवर्तन सम्‍मेलन में
    ·         कर्क रेखा व मकर रेखा के बीच स्थित 121 देशों का एक समूह है, जो अपनी ऊर्जा आवश्‍यकताओं के लिए सूर्य द्वारा प्राप्‍त ऊर्जा का उपयोग करने हेतु प्रतिबद्ध है अंरराष्‍ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance-ISA)
    ·         फरीदाबाद, हरियाणा में है – ISA का सचिवालय
    ·         ऊष्‍मा रासायनिक परिवर्तन द्वारा ठोस बायोमास का, दहन योग्‍य गैस मिश्रण में रूपांतरण ही है बायोमास गैसीकरण
    ·         जीवभार गैसीकरण को भारत में ऊर्जा संकट के धारणीय (सस्‍टेनेबल) हलों में से एक समझा जाता है। इस संदर्भ में कथन सही हैं नारियल आवरण, मूंगफली का छिलका और धान की भूसी का उपयोग जीवभार गैसीकरण के लिए किया जा सकता है
    ·         नारियल आवरण, मूंगफली का छिलका और धान की भूसी द्वारा उत्‍पन्‍न गैस का उपयोग, बिली पैदा करनेवाले जेनरेटर से जुड़े उपयुक्‍त रूप से डिजाइन किए गए अंतर्दहन इंजन में कियाजा सकता है डीजल की जगह
    ·         फ्यूल सेल में एक रासायनिक अभिक्रिया के माध्‍यम से उत्‍पादन होता है, न कि दहन (Combustion) के माध्‍यम से विद्युत का
    ·         फ्यूल सेल से विद्युत उत्‍पादित होती है दिष्‍ट धारा (DC) के रूप में
    ·         सल्‍फर डाइऑक्‍साइड के लिए उत्‍तरदायी है कोयले में सल्‍फर की उपस्थिति
    ·         सूक्ष्‍म जैविक ईंधन कोशिकाएं (माइक्रोबियल फ्यूल सैल) ऊर्जा का धारणीय (सस्‍टैनेबल) स्रोत समझी जाती है क्‍योंकि ये जीवित जीवों को उत्‍प्रेरक के रूप में प्रयुक्‍त कर कुछ सबस्‍ट्रेटोंसे विद्युतीय उत्‍पादन कर सकतीहैं। ये विविध प्रकार के अजैव पदार्थ सबस्‍ट्रेट के रूप में प्रयुक्‍त करती हैं। ये जल का शोधन और विद्युत उत्‍पादन करने के लिए अपशिष्‍ट जल शेधन संयंत्रों में स्‍थापित की जा सकती हैं।
    ·         जैव-परिवर्तनीय सबस्‍ट्रेट में उपलब्‍ध रासायनिक ऊर्जा को सीधे विद्युतीय ऊर्जा में परिवर्तित कर देती हैं सूक्ष्‍म जैविक ईंधन कोशिकाएं (MFC)
    ·         भारत में संप्रति उपलब्‍ध प्रौद्योगिक स्‍तर को देखते हुए सौर ऊर्जाका सुविधा से उपयोग किया जा सकताहै आवा‍सीय भवनों को गर्म पानी की पूर्ति करने के लिएलघु सिंचार्ठ परियोजनाओं हेतु जल की पूर्ति करने के लिएसड़क प्रकाश व्‍यवस्‍था के लिए
    ·         भारत में जैविक डीजल के उत्‍पादन के लिए जोट्रोफा करकास के अलावा पौंगामिया पिनाटा केा भी क्‍यों एक उत्‍तम विकल्‍प मानाजाता है, क्‍योंकि भारत के अधिकांश शुष्‍क क्षेत्रों में पौंगामिया पिनाटा प्राकृतिक रूप से उगता है। पौंगामिया पिनाटा के बीजों में लिपिड अंश बहुतायतमें होता हैजिसमेंसेलगभग आधा ओलीइक अम्‍ल होता है।
    ·         भू-तापीय ऊर्जा स्रोत नहीं पाए गए हैं गंगा डेल्‍टा में
    ·         पृथ्‍वी की भूपर्पटी में पाए जाने वाले उष्‍ण जल से प्राप्‍त होने वाली वह ऊर्जा जिसका उपयोग मानव अपने विभिन्‍न कार्यों के लिए करता है, कहलाती है भू-तापीय ऊर्जा
    ·         भारत में भू-तापीय ऊर्जा स्रोतके प्रमुख क्षेत्र हैं हिमालयखंभात बेसिनसोनाटा (SO-NA-TA : Son-Narmada-Tapti), पश्चिमी घाटगोदावरी बेसिन और महानदी बेसिन
    ·         जैव- मूल ऐस्‍फाल्‍ट (बायोऐस्‍फाल्‍ट) पर मूल सीमाशुल्‍क की पूरी छूट प्रदान की गई है, इस पदार्थ का महत्‍व है पारंपरिक ऐस्‍फाल्‍ट के विपरीतबायोऐस्‍फाल्‍ट जीवाश्‍म ईंधनों पर आधारित नहीं होता। बायोएस्‍फाल्‍ट जैव अपशिष्‍ट पदार्थों से निर्मित हो सकता है। बायोऐस्‍फाल्‍ट से सड़कों की ऊपरी सतह बिछाना पारिस्थितिकी के अनुकूल है।
    ·         बायोऐस्‍फाल्‍ट, डामर का विकल्‍प है जिसका निर्माण नवीकरणीय स्रोतो से किया जाता हैगैर-पेट्रोलियम आधारित

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