• 18.6.20

    भारत शासन अधिनियम,1909

    भारत शासन अधिनियम,1909-
    लॉर्ड कर्जन की बांटो और राज करो की नीति को आगे बढ़ाते हुए ब्रिटिश संसद ने इस एक्ट को पारित किया,इसे मार्ले-मिंटो सुधार भी कहा जाता है क्योंकि यह तत्कालीन भारतीय सचिव लॉर्ड मार्ले और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो के संयुक्त प्रयासों का फल था। इसकी महत्वपूर्ण विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
    1. वायसराय की कार्यकारिणी में गैर सरकारी सदस्यों की संख्या में वृद्धि हुई।
    2. विधि और प्रशासन दोनों ही क्षेत्रों में भारतीयों का सहयोग प्राप्त हुआ तथा वायसराय की कार्यकारिणी में सर्वप्रथम एक भारतीय सदस्य की नियुक्ति की गई।
    3. सबसे दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह रहा कि भारत में पहली बार मुसलमानों को धर्म के आधार पर प्रतिनिधित्व दिया गया अर्थात पृथक निर्वाचन प्रणाली की नींव पड़ी इस एक्ट द्वारा भारत में सांप्रदायिकता का उदय हुआ जिसका परिणाम भारत के विभाजन में देखने को मिला।
    4. भारतीयों को वार्षिक बजट पर बहस करने के साथ-साथ पूरक प्रश्न पूछने का भी अधिकार मिला लेकिन उन्हें मतदान करने का अधिकार प्राप्त नहीं था।
    5. प्रांतीय विधानमंडल के कुछ सदस्य नगर पालिकाओं, जिला बोर्ड, विश्वविद्यालयों आदि के सदस्यों के द्वारा चुनकर आने लगे अतः अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली की शुरुआत हुई।

    No comments:

    Post a Comment

    शिक्षक भर्ती नोट्स

    General Knowledge

    General Studies