• 29.6.20

    अथर्ववेद की महत्वपूर्ण विशेषताएं

    अथर्ववेद की महत्वपूर्ण विशेषताएं-
    अथर्ववेद की मूल विषय वस्तु भौतिक विज्ञान से संबंधित मानी जाती है इस वेद की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है-
    1. इस वेद में आयुर्वेद,औषधि तथा चिकित्सा आदि विशेष मंत्रों का उल्लेख मिलता है।
    2. जादू-टोना, भूत-प्रेत वशीकरण, चमत्कार,तंत्र-मंत्र विषयक मंत्रों का उल्लेख अथर्ववेद में प्रमुखता से किया गया है।
    3. इस वेद की विषय वस्तु लौकिक जीवन से संबंधित होने के कारण इसे दैवीय भेद नहीं माना जाता तथा अथर्ववेद को वेदत्रयी में सम्मिलित नहीं किया जाता है।
    4. अथर्ववेद के प्रथम दृष्टा अथर्वा ऋषि थे,जिन्हें चिकित्सा एवं औषधि विज्ञान विषयक लाभदायक मंत्रों का दृष्टा माना जाता है।
    5. अथर्ववेद के द्वितीय दृष्टा अंगरस ऋषि थे जिन्हें तंत्र-मंत्र के हानिकारक मंत्रों का दृष्टा माना जाता है।
    6. अथर्वा  तथा अंगरस ऋषि के नाम पर ही इसे अथर्वागिरस वेद भी कहते हैं।
    7. अथर्ववेद के मंत्रों का उच्चारण करने वाले विशेष ज्ञाता को ब्रह्मा कहा जाता है।
    8. चारों पुरोहितों में ब्रह्मा का स्थान सर्वोच्च है तथा उसे सभी यज्ञों का निरीक्षक भी माना जाता है।
    9. ब्रह्म के नाम पर ही इस वेद को ब्रह्मवेद भी कहा जाता है।
    10. गोपथब्राह्मण, अथर्ववेद का ब्राह्मण ग्रंथ है।
    11. अर्थ वेद में गृहस्थ आश्रम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है जिसके अंतर्गत विवाह के नियम, मान-मर्यादा,पति पत्नी के कर्तव्य आदि का वर्णन किया गया है।

    No comments:

    Post a Comment

    शिक्षक भर्ती नोट्स

    General Knowledge

    General Studies