संविधान सभा (भाग-4) डा. भीमराव अम्बेडकर का योगदान व अनुच्छेद


संविधान सभा (भाग-4)


डा. भीमराव अम्बेडकर..

डा. भीमराव अम्बेडकर संविधान सभा के लिए सबसे पहले बाम्बे से चुनाव लड़ते हैं और हार जाते हैं। दूसरी बार डा अम्बेडकर मुस्लिम लीग की सहायता से बंगाल के "जैसूर कुलना' निर्वाचन क्षेत्र से जीत कर आते हैं। लेकिन यह क्षेत्र भारत-पाकिस्तान विभाजन के पश्चात पाकिस्तान में चला जाता है तथा तब डा. अम्बेडकर संविधान सभा के सदस्य नहीं रह पाते। फिर बी. एन. राव ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद से कहा कि संविधान निर्माण में डा. अम्बेडकर का योगदान आवश्यक है। तब डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मुम्बई के तत्कालीन प्रधानमंत्री बी. जी. खेर को एक पत्र लिखा तब मुम्बई के पूना सीट से सदस्य एम. आर. जयकर से इस्तीफा दिया, फिर उस सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें डॉ. अम्बेडकर जीत कर संविधान सभा में आये।

डॉ. अम्बेडकर को "आधुनिक भारत का मनु" कहा जाता है।

अम्बेडकर की दो प्रमुख रचनाएं..

हिन्दू धर्म की पहेलियाँ

पाकिस्तान पर विचार- 1940

संविधान सभा में 26 नवंबर 1949 को प्रारूप समिति के अध्यक्ष डा. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान के अन्तिम प्रारूप को विधेयक ( बिल) के रूप में पेश किया उसका नाम था- "The Constitution is satteled by the Assembly be Passed"

संविधान सभा ने डॉ. अम्बेडकर द्वारा पेश किये गये इस अन्तिम प्रारूप को उसी दिन स्वीकार कर लिया था।

संविधान के प्रारूप पर कुल तीन वाचन हुआ

पहला वाचन- 4 नवंबर 1948 से 9 नवंबर 1948 तक (सबसे छोटा वाचन)

द्वितीय वाचन- 15 नवंबर 1948 से 17 अक्टूबर 1949 तक (सबसे लम्बा वाचन)

तृतीय वाचन- 14 नवंबर 1949 से 26 नवंबर 1949 तक (अन्तिम वाचन)

26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुआ और इसी दिन संविधान सभा ने संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मर्पित किया।

26 नवंबर 1949 को संविधान को आंशिक रूप से लागू किया गया।

आंशिक रूप से लागू संविधान में कुल 16 अनुच्छेद शामिल थे

अनुच्छेद 5

अनुच्छेद 6

अनुच्छेद 7

अनुच्छेद 8

अनुच्छेद 9

अनुच्छेद 60

अनुच्छेद 324

अनुच्छेद 366

अनुच्छेद 367

अनुच्छेद 379

अनुच्छेद 380

अनुच्छेद 388

अनुच्छेद 391

अनुच्छेद 392

अनुच्छेद 393

अनुच्छेद 394

संविधान को पूर्ण रूप से 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। संविधान बनने में लगा कुल समय = 2 वर्ष 11 माह 18

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