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    हर्यंक वंश(544 ई०पू०-  412 ई०पू०)

    हर्यंक वंश(544 ई०पू०-  412 ई०पू०)-
    हर्यक वंश मगध साम्राज्य का प्रथम राजवंश था इसे 'पितृहंता वंश' के रूप में भी जानते हैं क्योंकि इसमें पुत्र के द्वारा अपने पिता की हत्या करके राजगद्दी को प्राप्त किया जाता था। इस वंश में निम्नलिखित राजा हुए-
    बिम्बिसार-
    1. बिम्बिसार हर्यक वंश का संस्थापक था तथा इसने 544 ईसा पूर्व में इस वंश की स्थापना की थी।
    2. इसने राजगृह या गिरिब्रज नगर की स्थापना कर उसे अपनी राजधानी बनाया था।
    3. यह प्रथम राजा था जिसने वैवाहिक संबंधों को स्थापित कर राज्य विस्तार की नीति अपनाई जिसके अंतर्गत उसने निम्नलिखित विवाह किए-
         ०  महाकोशला से विवाह किया ,जो कि कौशल राजा प्रसेनजित की बहिन थी।
         ०  चेल्लना से विवाह किया ,जो कि वैशाली के राजा चेटक की पुत्री थी।
         ०  क्षेमा से विवाह किया ,जो मद्र अर्थात पंजाब देश की राजकुमारी थी।
     4. इसके राज दरबार में राजवैद्य जीवक रहता था जिसे इसलिए महात्मा बुद्ध की सेवा के लिए भेजा था इसके अतिरिक्त जीवक को इसने अवन्ति के राजा प्रद्योत( जो कि पांडु रोग से ग्रसित थे) के चिकित्सा उपचार के लिए भेजा था।
     5. बिंबिसार स्थाई सेना रखने वाला प्रथम राजा था।
     6. बिंबिसार गौतम बुद्ध का मित्र और संरक्षक था तथा विनयपिटक के अनुसार इसने बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था।
     7. बिंबिसार ने ब्रह्मदत्त को युद्ध में पराजित कर अंग राज्य को मगध में मिला दिया था।
     8. बिंबिसार की हत्या उसके पुत्र अजातशत्रु द्वारा 492 ई०पू० में की गई और फिर अजातशत्रु राजा बना।

    अजातशत्रु-
    1. अजातशत्रु को कुणिक उपनाम से भी जाना जाता है।
    2. अजातशत्रु एक शक्तिशाली राजा था तथा उसने युद्ध जीतकर कर अपना राज्य विस्तार किया इस प्रकार उसने निम्नलिखित राज्यों को जीतकर अपने अधीन कर लिया-
        ० उसने लिच्छवि को जीतकर अपने राज्य में मिला लिया अजातशत्रु के सुयोग्य मंत्री बस्सकार ने लिच्छवि राज्य में फूट डालकर उसकी जीतने में सहायता की।
        ० उसने काशी को अपने राज्य में मिलाया(कौशल राजा ने अपनी बेटी का विवाह अजातशत्रु से कर काशी को दहेज में दिया था)
        ० उसने मल्ल संघ पर विजय प्राप्त की तथा उस पर अपना अधिकार स्थापित किया।
    3. अजातशत्रु महावीर स्वामी और गौतम बुद्ध का समकालीन था।
    4. आरंभ में उसकी निष्ठा जैन धर्म के प्रति थी परंतु बाद में उसने बौद्ध धर्म को स्वीकार कर लिया।
    5. इसी के शासनकाल में महात्मा बुद्ध को महापरिनिर्वाण(483 B.C) तथा महावीर स्वामी को कैवल्य प्राप्त हुआ।
    6. अजातशत्रु के समय ही राजगृह के सप्तपर्णी गुफा में प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन हुआ।

    उदयन(उदायिन)-
    1. यह अपने पिता अजातशत्रु की हत्या कर गद्दी पर बैठा।
    2. इसने पाटलिपुत्र नगर की स्थापना की तथा उसे अपनी राजधानी बनाया। पाटलिपुत्र गंगा एवं सोन के संगम पर था।
    3. उदयन के उत्तराधिकारी अनिरुद्ध,मंडक और नागदशक हुए जो कि कमजोर शासक थे।
    4. हर्यक वंश का अंतिम राजा नागदशक हुआ इसकी हत्या उसके अमात्य शिशुनाग ने 412 ई० में कर दी तथा शिशुनाग वंश की स्थापना की।

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