• 2.7.20

    भारतीय रिज़र्व बैंक

    भारतीय रिज़र्व बैंक-
    1.भारतीय रिजर्व बैंक देश का केंद्रीय बैंक है जिसकी स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 के अंतर्गत 1 अप्रैल 1935 को निजी बैंक के रूप में हुई थी।
    2. जिसका प्रमुख उद्देश्य- देश में मौद्रिक स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए बैंक नोटों के निर्गम को विनियमित करना तथा प्रारक्षित निधि को बनाये रखना इसके साथ देश हित को ध्यान में रखते हुए करेंसी एवं क्रेडिट सिस्टम का संचालन करना। 
    3. वर्ष 1949 में भारतीय रिजर्व बैंक का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया।
    4. प्रारंभ में भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्यालय कोलकाता था जिसे वर्ष 1937 में मुंबई बनाया गया।
    5. रिजर्व बैंक के मुख्यालय में ही गवर्नर बैठते हैं तथा यहीं पर नीति निर्माण किया जाता है।
    6. भारतीय रिजर्व बैंक का मुख्यालय मुंबई है इसके अतिरिक्त 27 क्षेत्रीय कार्यालय एवं 4 उपकार्यालय भी हैं जो विभिन्न राज्यों में स्थित है।
    7. इसके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं-
        मुद्रा जारी करना और उसका विनियमन करना जिससे भारतीय मुद्रा 'रुपये' की विनिमय दर स्थिर रहे।
        यह सरकार का बैंकर है और विभिन्न मौद्रिक विषयों पर सरकार को सलाह देता है।
        भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के लिए व्यापारिक बैंक की तरह कार्य करता है और ऋण प्रदान करता है।
        यह अंतिम उपायों के ऋणदाता के रूप में कार्य करता है।
        मौद्रिक तथा साख नीति निर्माण,उसका क्रियान्वयन एवं निगरानी करना।
        विदेशी विनिमय भंडार का संग्रहकर्ता तथा विदेशी मुद्रा के प्रबंधक के रूप में कार्य करना जिससे विदेशी व्यापार एवं भुगतान को सुविधाजनक बनाया जा सके तथा देश विदेशी मुद्रा बाजार का विकास हो।
        यह बैंकों के लिए बैंकर की भांति कार्य करता है तथा सभी अनुसूचित बैंकों के खाते भारतीय रिजर्व बैंक में होते हैं।
        देश की बैंकिंग एवं वित्तीय प्रणाली में विनियामक एवं पर्यवेक्षक के रूप कार्य करता है।
        मुद्रास्फीति के स्थिरीकरण के लिये कार्य करना।
        राष्ट्रीय उद्देश्यों के लिये विकास एवं प्रोत्साहन संबंधी कार्य करना।

    8. भारतीय रिजर्व बैंक केंद्रीय निदेशक बोर्ड द्वारा प्रशासित होता है बोर्ड की नियुक्ति का कार्य भारत सरकार ,रिजर्व बैंक अधिनियम के अनुसार करती है। निदेशकों की नियुक्ति 4 वर्ष के लिए की जाती है। निदेशक बोर्ड में का गठन किस प्रकार होता है-
           ० सरकारी निदेशक- एक पूर्णकालिक गवर्नर एवं अधिकतम चार उप गवर्नर होते हैं।
           ० गैर सरकारी निदेशक- इसमें सरकार द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों से 10 निदेशक एवं दो सरकारी अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं।  इसके अतिरिक्त 4 निदेशक, 4 स्थानीय बोर्डों से(प्रत्येक से एक) आते हैं।
           
                
        
        
        

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