• 13.1.22

    UPTET : बाल विकास के टॉपिक-''व्यक्तिगत विभिन्नता'' पर आधारित 15 महत्वपूर्ण प्रश्न

    इस लेख में आज हम व्यक्तिगत विभिन्नताओं पर आधारित कुछ संभावित प्रश्न आपके सामने ला रहे हैं जो UPTET परीक्षा में पूछे जा सकते हैं। ऐसे में यदि आप UPTET परीक्षा में शामिल होने वाले हैं तो नीचे दिए गए इन प्रश्नों को जरूर पढ़ लें।

    प्रश्न : लम्बाई, भार, त्वचा का रंग, पैर, आँखों एवं बालों का रंग में विविधता तथा विचलन को कहते हैं?


    1. भावनात्मक अन्तर
    2. भौतिक अन्तर
    3. मानसिक अन्तर
    4. इनमें कोई नहीं

    उत्तर : 2


    प्रश्न : पृथक-पृथक समजातीय समूहों के व्यक्तियों के प्रति बच्चों की अभिवृत्ति साधारणतया आधारित होती है


    1. उनके अभिभावकों की चित्तवृत्ति पर
    2. उनमें समकक्षियों की अभिवृत्ति पर
    3. दूरदर्शन के प्रभाव पर
    4. उनके सहोदरों की अभिवृत्ति पर

    उत्तर : 1


    प्रश्न : विभेदक परीक्षण का उपयोग किस मनोवैज्ञानिक ने भारतीय अनुकूलन के अनुसार विकसित किया है?


    1. होरेस
    2. वालाश
    3. जे.पी. गिलफोर्ड
    4. जे एम ओझा

    उत्तर : 4


    प्रश्न : किस अभिक्षमता को ए.एस.टी. के नाम से जाना

    जाता है?


    1. विभेदक अभिक्षमता
    2. सामान्य अभिक्षमता
    3. अभिक्षमता सर्वेक्षण परीक्षण
    4. व्यावसायिक अभिक्षमता

    उत्तर : 3


    प्रश्न : सांस्कृतिक तथा भाषिक रूप से वैविध्यपूर्ण कक्षा में यह निश्चित करने से पहले कि शिक्षार्थी विशिष्ट शिक्षा-वर्ग में आता है या नहीं, एक शिक्षक को करना चाहिए


    1. माता-पिता को इसमें सम्मिलित नहीं करना चाहिए, क्योंकि उनके पास अपना कार्य होता है
    2. अक्षमता स्थापित करने से पहले शिक्षार्थी की मातृभाषा का मूल्यांकन करना चाहिए
    3. पारंगत मनोवैज्ञानिक का उपयोग
    4. वातावरणीय कारकों को अप्रभावी बनाने के लिए बच्चे को अलग कर देना चाहिए

    उत्तर : 2



    प्रश्न : अभिवृत्ति सम्प्रत्यय है


    1. संज्ञानपरक
    2. क्रियापरक
    3. संवेगात्मक
    4. ये सभी

    उत्तर : 4


    प्रश्न : सह-शैक्षणिक क्षेत्रों में निष्पादन के आधार पर शैक्षणिक क्षेत्रों में निष्पादन के स्तर को बढ़ाने का औचित्य स्थापन किस आधार पर किया जा सकता है


    1. यह हाथ से किए जाने वाले श्रम के प्रति सम्मान विकसित करता है
    2. यह वैयक्तिक भिन्नताओं को सन्तुष्ट करता है
    3. यह हाशियाकृत विद्यार्थियों के लिए प्रतिपूरक भेदभाव की नीति का अनुगमन करता है।
    4. यह सार्वभौमिक धारण (retention) को सुनिश्चित करता है

    उत्तर : 2


    प्रश्न : शिक्षार्थियों में वैयक्तिक भिन्नताओं को सम्बोधित करने के लिए एक विद्यालय किस प्रकार का सहयोग उपलब्ध करवा सकता है?


    1. सभी शिक्षार्थियों के लिए समान स्तर की पाठ्यचर्या का अनुगमन करना
    2. बाल केन्द्रित पाठ्यचर्या का पालन करना और शिक्षार्थियों को सीखने के अनेक अवसर उपलब्ध करवाना।
    3. शिक्षार्थियों में वैयक्तिक भिन्नताओं को समाप्त करने के लिए हर सम्भव उपाय करना।
    4. धीमी गति सीखने वाले शिक्षार्थियों को विशेष विद्यालयों में भेजना

    उत्तर : 2


    प्रश्न : अभिवृत्ति है


    1. एक भावात्मक प्रवृत्ति जो अनुभव के द्वारा संगठित होकर किसी मनोवैज्ञानिक वस्तु के प्रति पसन्दगी या नापसंदगी के रूप में प्रतिक्रिया करती है
    2. एक ऐसी विशेषता जो व्यक्ति की योग्यता का परिचायक है जिसे किसी प्रदत्त क्षेत्र में विशिष्ट प्रशिक्षण, ज्ञान अथवा कौशल से सीखा जा सकता है
    3. व्यक्ति की बीजभूत क्षमता जो कि विशिष्ट प्रकार की होती है
    4. इनमें से कोई नहीं

    उत्तर : 1


    प्रश्न : भारतीय समाज की बहुभाषिक विशेषता को देखा जाना चाहिए।


    1. विद्यार्थियों को सीखने के लिए अभिप्रेरित करने हेतु शिक्षक योग्यता की चुनौती के रूप में
    2. शिक्षार्थियों के लिए विद्यालयी जीवन को एक जटिल अनुभव के रूप में बनाने के लिए कारक के रूप में
    3. शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में बाधा के रूप में
    4. विद्यालयी जीवन को समृद्ध बनाने के संसाधन के रूप में

    उत्तर : 4


    प्रश्न : योग्यता व योग्यता समूहीकरण के परिप्रेक्ष्य में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है?


    1. विद्यार्थी सम-समूहों से बेहतर सीखते हैं
    2. अबाध व प्रभावी शिक्षण हेतु कथा को समरूपी (homogneoues) होना चाहिए
    3. छात्र असहिष्णु होते हैं व भेदों को स्वीकार नहीं करते
    4. विभिन्न योग्यता वाले समूहों को ग्रहण करने के लिए अध्यापकों को बहु-स्तरीय शिक्षा को अपनाना चाहिए

    उत्तर : 4



    प्रश्न : वैयक्तिक अन्तरों का ज्ञान शिक्षकों की मदद किसमें करता है?


    1. पिछड़े शिक्षार्थियों के साथ कठोर परिश्रम करने की निरर्थकता को समझने में, क्योंकि वे बाकी कक्षा के समान कभी नहीं हो सकते
    2. वैयक्तिक अन्तरों को शिक्षार्थियों की असफलता की स्वीकृति एवं उत्तरदायी ठहराने में
    3. सभी शिक्षार्थियों को समान रूप से लाभ पहुँचाने के लिए अपनी प्रस्तुति-शैली को एकरूप बनाने में
    4. सभी शिक्षार्थियों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं का आकलन करने और उसके अनुरूप उन्हें पढ़ाने में

    उत्तर : 4


    प्रश्न : भारत में भाषिक विभिन्नता बहुत है। इस सन्दर्भ में विशेषकर कक्षा । और ॥ के प्राथमिक स्तर पर बहुभाषिक कक्षाओं के बारे में सर्वथा उपयुक्त कथन है


    1. शिक्षार्थियों को अपनी मातृभाषा या स्थानीय भाषा का प्रयोग करने पर दण्डित किया जाए।
    2. विद्यालय में उन्हीं बच्चों को प्रवेश दिया जाए जिनकी मातृभाषा वही हो जो शिक्षा के लिए अपनाई जा रही हो
    3. शिक्षक को सभी भाषाओं का सम्मान करना चाहिए और सभी भाषाओं में अभिव्यक्ति के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए
    4. जो बच्चे कक्ष में मातृभाषा का उपयोग करते हैं अध्यापक को उनकी उपेक्षा करनी चाहिए।

    उत्तर : 3


    प्रश्न : अनुसंधान से पता चला है कि विद्यालयों में अनेक स्तरों पर विभेदीकरण पाया जाता है। उच्च प्राथमिक स्तर पर इनमें से कौन-सा विभेदीकरण का एक उदाहरण नहीं है?


    1. बहुत से अध्यापक पढ़ाने के लिए केवल व्याख्यान विधि का प्रयोग करते हैं।
    2. मध्यान्ह भोजन के दौरान दलित बच्चों को अलग बैठाया जाता है।
    3. लड़कियों को गणित तथा विज्ञान विषयों को लेने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है।
    4. अध्यापकों की निम्न सामाजिक आर्थिक परिवेश आए बच्चों से बहुत कम अपेक्षाएँ होती हैं।

    उत्तर : 1


    प्रश्न : एक बहु-सांस्कृतिक कक्षा-कक्ष में एक अध्यापिका सुनिश्चित करेगी कि आकलन में निम्नलिखित में से सम्मिलित हो


    1. अपने आकलन उपकरण की विश्वसनीयता तथा वैधता
    2. अधिगम के न्यूनतम स्तरों के लिए अनुपालन करते हुए विद्यालय प्रशासन की अपेक्षाओं को पूरा
    3. आकलन उपकरण के मानकीकरण
    4. अपने विद्यार्थियों को सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि

    उत्तर : 4

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