सुकन्या समृद्धि योजना-
सुकन्या समृद्धि योजना को वर्ष 2015 में 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ' योजना के एक भाग के रूप में शुरू किया गया।यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की योजना है।
प्रमुख उद्देश्य:-
1. माता-पिता/अभिभावक द्वारा लड़की के नाम पर सुकन्या समृद्धि खाता खोलना तथा उसमें अधिकतम बचत को जमा करने के लिए प्रेरित करना।
2. लड़की एवं लड़के के भेदभाव को समाप्त करना।
3. लड़कियों के उच्च शिक्षा एवं शादी में होने वाले व्यय संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करना।
4. लड़कियों के कम उम्र में होने वाली शादी को रोकना।
प्रमुख विशेषताएं:-
1. सुकन्या समृद्धि खाता 0-10 वर्ष की उम्र की लड़की का खोला जा सकता है।
2. यह खाता पोस्ट ऑफिस या केमर्शियल बैंक मैं खोला जा सकता है।
3. इस खाते का एक स्थान से दूसरे स्थान पर कहीं भी ट्रांसफर किया जा सकता है।
4. एक लड़की के लिए केवल एक खाता खोला जा सकता है।
5. एक परिवार में अधिकतम दो लड़कियों के लिए ही यह खाता खोला जा सकता है कुछ अपवाद की स्थिति में तीन खाते भी खोले जा सकते हैं जैसे एक साथ तीन लड़कियों का जन्म या दूसरे बच्चे जुड़वां हो।
6. यह खाता न्यूनतम 250 रुपए से खोला जा सकता है और एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 और अधिकतम 1.5 लाख रुपये इसमें जमा किए जा सकते हैं।
7. इस खाते में जमा धनराशि पर ब्याज दर,बैंकों द्वारा दी जाने वाली सामान्य बचत दर की तुलना में अधिक होती है।
8. लड़की की उम्र 18 वर्ष होने पर इस खाते से 50% धनराशि निकाली जा सकती है।
9. इस खाते में धनराशि अकाउंट खोलने की तिथि से 15 वर्ष तक जमा किया जा सकता है तथा इसकी परिपक्वता अवधि खाता खोलने की तिथि से 21 वर्ष होती है।
10. सुकन्या समृद्धि खाता में जमा धनराशि पर आयकर में भी(80C) छूट मिलती है तथा खाता के परिपक्व होने पर निकाली की धनराशि पर कोई कर नहीं लगता है।
महत्वपूर्ण बदलाव:-
11. अब अभिभावक सुकन्या समृद्धि खाते का संचालन लड़की 18 वर्ष की उम्र तक करेंगे पहले लड़की 10 वर्ष की उम्र के पश्चात ही सुकन्या समृद्धि खाते का संचालन कर सकती थी।
12. अब खाते के समय-पूर्व बंद करने के आधारों में चिकित्सा उपचारों को भी शामिल किया गया है पहले लड़की की मृत्यु या एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तन जैसे आधार ही शामिल थे।
13. अब डिफॉल्ट अकाउंट में भी उच्च ब्याज दर प्रदान की जाएगी।
14. दो लड़कियों से अधिक अकाउंट खुलवाने के लिए अब बर्थ सर्टिफिकेट के साथ-साथ एक हलफनामा भी देना होगा।
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