• 18.6.20

    अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस)-ICJ

    अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस)-ICJ
    अंतरराष्ट्रीय न्यायालय संयुक्त राष्ट्र संघ का न्यायिक निकाय हैं इसकी स्थापना 3 अप्रैल 1946 को हुई थी इसका मुख्यालय हेग, नीदरलैंड में स्थित है। इस न्यायालय को सामान्यता विश्व न्यायालय के नाम से भी जाना जाता है। इसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश आते हैं।
    न्यायाधीश- इस में न्यायाधीशों की संख्या 15 होती है इनकी नियुक्ति 9 वर्षों के लिए की जाती है प्रत्येक 3 वर्ष बाद पांच न्यायाधीश अवकाश ग्रहण करते हैं न्यायाधीश अपने में से ही एक अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को 3 वर्ष के लिए चुनते हैं। इनका कोरम 9 न्यायाधीशों का होता है। इस न्यायालय में कोई भी तूने आधी एक ही देश के नहीं हो सकते हैं।
    भाषाएं- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय की सरकारी भाषाएं फ्रेंच तथा अंग्रेजी हैं।
    विवादों की विषय वस्तु- अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में विभिन्न सदस्य देशों के मध्य उत्पन्न विवादों की सुनवाई होती है इसके अंतर्गत सीमा विवाद ,समुद्री विवाद ,प्राकृतिक संसाधनों संबंधी विवाद, मानवाधिकार उल्लंघन,विभिन्न संधियों संबंधी विवाद आदि मामले देखे जाते हैं।
    विवादास्पद मामलों में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का निर्णय सदस्यों के लिए बाध्यकारी होता है यदि कोई राष्ट्र निर्णय का पालन नही करता है तो इस मुद्दे को सुरक्षा परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है सुरक्षा परिषद इस संबंध में अनुशंसा, समीक्षा और निर्णय लेने का अधिकार रखती है।
    भारतीय न्यायाधीश-अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में प्रथम भारतीय न्यायाधीश बेनेगल रामा राव 1952 में नियुक्त हुए थे उसके बाद नागेंद्र सिंह, रघुनंदन पाठक तथा दलबीर भंडारी की नियुक्ति इस न्यायालय में हुई।

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