• 24.1.22

    पृथ्वी की आंतरिक संरचना

     

    पृथ्वी की आंतरिक संरचना –

    पृथ्वी की आंतरिक संरचना के अंतर्गत हम पृथ्वी की परतें (भूपर्पटी, मेन्टल, क्रोड) आदि की मोटाई, उसमें पाए जाने वाले पदार्थों  की प्रकृति (सियाल, सीमा, निफ़े), परतों के बीच असंबद्धताओं आदि का अध्ययन करेंगे।



    पृथ्वी की परतें –

    पृथ्वी की आंतरिक संरचना की तुलना हम प्याज से कर सकते है क्योंकि पृथ्वी में भी प्याज की तरह कई परतें पाई जाती है। भूगर्भवेत्ताओं के अनुसार, पृथ्वी में मुख्य रूप से 3 परतें पाई जाती है।


    1. भूपर्पटी (Crust)
    2. मेन्टल (Mantel)
    3. कोर या क्रोड (Core)

    भूपर्पटी (Crust) – 

    पृथ्वी की सबसे ऊपरी परत को भूपर्पटी कहते हैं, यह पृथ्वी की सबसे पतली ठोस परत है।

    भूपर्पटी की मोटाई विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होती है, महाद्वीपों पर इसकी औसत मोटाई 35 किलोमीटर है।

    महासागरों के नीचे भूपर्पटी की औसत मोटाई 4 से 7 किलोमीटर तक है।

    यह मुख्यतः बेसाल्ट चट्टानों का बना है।

    सिलिका (Si) और एल्युमिनियम (Al) पदार्थों की अधिकता के कारण इसे सियाल (SiAl) भी कहते हैं।

    क्रस्ट का औसत घनत्व 2.7 ग्राम/सेमी³ है।


    मैन्टल (Mantle) –

    भूपर्पटी के नीचे एक बहुत अधिक मोटी  परत पाई जाती है , जिसे मैन्टल कहते है ।

    यह परत 2900 km की गहराई  तक पाई जाती है ।

    पृथ्वी के कुल आयतन का 83% भाग घेरे हुए है ।

    इसका औसत घनत्व 3.5 से 5.5 gm/cm³ है ।

    मैन्टल का ऊपरी भाग दुर्बलतामंडल (asthenosphere)   कहा जाता है । इसका विस्तार लगभग 400 km की गहराई  तक है।

    मैन्टल का ऊपरी 700 km तक का भाग ऊपरी मैन्टल तथा शेष भाग निचला मैन्टल  कहलाता है ।

    सिलिका (Si) और मैगनीशियम  (Mg) पदार्थों की अधिकता के कारण इस परत को सीमा (Sima) कहते है।

    विस्फोट के समय जो लावा धरातल पर आता है , उसका स्रोत दुर्बलतामंडल ही है।

    क्रोड (Core) –

    पृथ्वी का सबसे भीतरी भाग क्रोड कहलाता है।

    क्रोड को भी दो भागों मे विभाजित है – वाह्य क्रोड एवं आंतरिक क्रोड ।

    इसका औसत घनत्व 13 gm/cm³ है ।

    पृथ्वी का केन्द्रीय भाग संभवतः द्रव एवं प्लास्टिक अवस्था मे है।

    यह पृथ्वी का कुल आयतन का 16% भाग घेरे हुए  है।

    निकिल (Ni) और  लोहे (Fe)  से बनी होने के कारण इसे निफे (NiFe) भी कहते है।

    पृथ्वी की परतों के बीच कुछ असंबद्धताऐं

    पृथ्वी के तीनों परतों के बीच में कुछ असंबद्धता (Discontinuity)  पाई जाती है जो  कुछ इस प्रकार है –


    कोनराड – यह असंबद्धता ऊपरी भूपर्पटी और  निचला भूपर्पटी के बीच में   है।

    मोहो – यह असंबद्धता निचला भूपर्पटी और ऊपरी मैन्टल के बीच में है।

    रेपेटी  – यह असंबद्धता ऊपरी मैन्टल और निचला मैन्टल के बीच में है।

    गुटेनबर्ग-विशार्ट – यह असंबद्धता निचला मैन्टल और ऊपरी क्रोड के बीच में है।

    लेहमैन – यह असंबद्धता ऊपरी क्रोड और निचला क्रोड के  बीच में है।




    पृथ्वी की आंतरिक संरचना के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न

    Q1. सियाल, सीमा और निफे के रुप में भूगर्भ का विभाजन किसने किया था?


    Ans. स्वेस द्वारा


    Q2. भूपृष्ठ की किस परत में बैसाल्ट चट्टानों की अधिकता है?


    Ans. सीमा ।


    Q3. स्थलमंडल किसे कहते है। और इसकी मोटाई है?


    Ans. भूपर्पटी और मैन्टल का ऊपरी भाग मिलाकर स्थलमंडल (Lithosphere) कहते है। इसकी मोटाई 10 से 200 km के बीच होती है।


    Q4. पृथ्वी का चुम्बकीय श्रेत्र किस  कारण होता है?


    Ans. पृथ्वी के बाहरी कोर(Core) में पिघले हुए लोहे (Fe) और निकल (Ni) के मिश्रण की संवहन धाराओं की गति के कारण विद्युत धाराओं उत्पन्न होती है, और पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने के कारण वो विद्युत धाराओं में से चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है।


    Q5. पृथ्वी के नीचे जाने पर पृथ्वी का तापमान किस दर से बढ़ता  है?


    Ans. 1°C/ 32m की  गहराई पर ।


    Q6. पृथ्वी के स्थलीय  पर क्षेत्र सबसे नीचा क्षेत्र कहाँ है ?


    Ans. पृथ्वी के स्थलीय  पर क्षेत्र सबसे नीचा क्षेत्र जॉर्डन में मृत सागर के आस पास का क्षेत्र है, यह क्षेत्र समुद्रतल से औसतन   400 m नीचा है ।


    Q7. किसने बताया कि पृथ्वी गोल है और आकाश  में स्वतंत्र रूप से लटकी हुई है ?


    Ans. पाइथागोरस ने।


    Q8. किसने बताया कि पृथ्वी नरंगी  के समान है?


    Ans. सर आइजक न्यूटन ने ।


    Q9. किसने पृथ्वी को नरंगी के बजाए नाशपाती के समान बतलाया है ?


    Ans. जेम्स जीन ।


    Q10. पृथ्वी की बाह्य सतह को कितने भागों मे बाँट सकते है  और नाम ?


    Ans. 4 भागों में ,


    स्थलमंडल

    जलमंडल

    वायुमंडल

    जैवमंडल

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